इस प्रकार रिश्वत की मांग की पुष्टि के समर्थन में अभियोजन का गवाह मोहनलाल आरक्षी महत्वपूर्ण था लेकिन वह न तो टेªप अधिकारी के समक्ष उपस्थित हुआ और न ही उसके बयान अभियोजन पक्ष द्वारा न्यायालय में करवाये हैं।
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उनमें से एक हैड कॉन्स्टेबल मोहम्मद अकबर (अभियोजन का गवाह संख्या 62) है जो-जैसा कि हम बाद में देखेंगे-मोहम्मद अफ़ज़ल के लिए कोई अजनबी नहीं है, और न ही वह कोई आम पुलिसवाला है जो संयोगवश उधर से गुज़र रहा था।
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उनमें से एक हैड कॉन्स्टेबल मोहम्मद अकबर (अभियोजन का गवाह संख्या 62) है जो-जैसा कि हम बाद में देखेंगे-मोहम्मद अफ़ज़ल के लिए कोई अजनबी नहीं है, और न ही वह कोई आम पुलिसवाला है जो संयोगवश उधर से गुज़र रहा था।